भले ही सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त कराए जाने के तमाम दावे कर रही हो । इसके लिए ना जाने कितनी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा हो। इसके अलावा ना जाने कितने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई हो । लेकिन उसके बावजूद भी कुछ लोग अपनी आदत से मजबूर हैं और वह अभी भी घूसखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला गाजियाबाद के महिला जिला अस्पताल में उस वक्त सामने आया। जब एक महिला अपनी बहू को डिलीवरी के लिए अस्पताल लेकर पहुंची। वहां पर शुरुआती दौर में उसे भर्ती किए जाने में आनाकानी की गई और बाद में उससे डिलीवरी के नाम पर एक नर्स के द्वारा बारह सौ रूपये लिए गए और वहीं पर मौजूद एक महिला दलाल द्वारा मातृ वंदना के नाम पर ₹300 की वसूली की गई । जब उस महिला को पता चला कि सरकारी अस्पताल में कोई भी पैसा नहीं लिया जाता। तो महिला के द्वारा वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को बताया गया । जैसे ही यह बात मीडिया कर्मियों तक पहुंची तो इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन के आला अधिकारियों से ली गई ।शुरुआती दौर में महिला द्वारा बताई गई सभी बातों को अनर्गल आरोप लगाए जाने बताए गए। लेकिन बाद में इस पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात भी कही गई।
आपको बताते चलें कि जिला अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का इलाज मुफ्त किया जाता है। सरकार द्वारा दी गई इस सुविधा का लाभ लेने के लिए 14 मार्च को बागू तिगरी में रहने वाली राजवती नाम की एक महिला अपनी बहू जुली को डिलीवरी के लिए महिला जिला अस्पताल लेकर पहुंची। राजवती ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंची तो शुरुआती दौर में उसकी बहू को भर्ती किए जाने के लिए आनाकानी की गई और तमाम तरह की फॉर्मेलिटी बताई गई। लेकिन बाद में जूली को भर्ती करते हुए कमरा नंबर 212 में बैड नम्बर 45 दिया गया।आरोप है कि वहां पर एक नर्स के द्वारा डिलीवरी के नाम पर बारह सौ रुपए वसूले गए। 15 मार्च को जूली ने एक पुत्र को जन्म दिया और वहीं पर मौजूद एक महिला दलाल द्वारा मातृ वंदना के नाम पर भी ₹300 की वसूली की गई। जब राजवती को पता चला कि यहां किसी भी रूप में कोई पैसा नहीं लिया जाता। तो उसने अपने पैसे वापस मांगे ।लेकिन उसे कोई ठोस जवाब नहीं मिला ।बहरहाल राजवती ने अस्पताल में ही रिपोर्टिंग कर रहे मीडियाकर्मियों से इस बात का जिक्र किया और उन्हें आप बीती बताई। मीडिया कर्मियों के द्वारा यह बात अस्पताल प्रबंधन के आला अधिकारी ओं तक पहुंची तो शुरुआती दौर में पूरी बात को निराधार बताया गया। लेकिन महिला के द्वारा ठोस सबूत दिए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन के आला अधिकारियों द्वारा इस पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही गई है।
हालांकि इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिला अस्पताल की सीएमएस दीपा त्यागी ने बताया कि अभी तक उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। मीडिया के द्वारा ही बताया गया है कि एक महिला के द्वारा जो घूंस लेने का आरोप लगाया गया है ।इसमे मातृ वंदना के नाम पर जो ₹300 आशा नाम की महिला द्वारा लिए गए बताए गए हैं। मातृ वंदना का उनसे कोई लेना देना नहीं है। उसका मामला सीधा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जुड़ा है। यानी उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ही रिपोर्ट करनी होती है । इसलिए इसकी शिकायत का निस्तारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से ही होगा ।लेकिन नर्स द्वारा जो पैसे वसूलने की बात कही गई है ।उसकी वह गहनता से जांच कराएंगे ।यदि इस पूरे मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।